विकास, सुशासन और राष्ट्र निर्माण के 11 साल, सीएम धामी ने गिनाई मोदी सरकार की उपलब्धियाँ

सीएम धामी ने “मोदी सरकार के 11 वर्ष-संकल्प से सिद्धि तक” वर्चुअल कार्यक्रम को किया संबोधित 

गत 11 वर्ष भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक काल – मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जनमानस की आकांक्षाओं को यथार्थ में बदलने की स्वर्णिम यात्रा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “मोदी सरकार के 11 वर्ष-संकल्प से सिद्धि तक” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के संकल्प के 11 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण करने जा रहे हैं। 11 वर्षों का यह युग परिवर्तनकारी कालखंड भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक काल रहा है जिसमें हमारा देश वैश्विक मंच पर एक सशक्त, सक्षम और समर्थ राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से प्रारंभ हुई ये यात्रा भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं को यथार्थ में बदलने की यात्रा रही। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने ”सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूलमंत्र के साथ राष्ट्रप्रथम की भावना को आत्मसात करते हुए राष्ट्र के नव निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया । इन 11 वर्षों में प्रधानमंत्री ने शासन व्यवस्था को न केवल नई कार्य संस्कृति से समृद्ध किया, बल्कि नीतियों को निर्णायक बनाकर सही नीयत और नतीजों से विकास के नए आयाम स्थापित किए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरगामी सोच और मजबूत नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज भारत G-20, QUAD और BRICS जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। 2014 से पूर्व भारत का कोई भी बड़ा शहर आतंकवाद के साए से सुरक्षित नहीं था, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर सहित देश के हर कोने में लगातार आतंकी हमले किए जाते थे। परंतु आज दुश्मन देश के किसी भी आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया जाता है। जैसे उरी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया गया, पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक की गई और अब पहलगाम हमले के बाद ”ऑपरेशन सिंदूर” के माध्यम से दुश्मन के दांत खट्टे किए | आज मोदी सरकार में न केवल भारत की सीमाएं सुरक्षित हुई है बल्कि रक्षा के क्षेत्र में भी देश आत्मनिर्भर बन रहा है। आज भारत 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी रक्षा संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है और 85 से अधिक देशों में रक्षा सामग्री का निर्यात भी कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के लिए ये गर्व का विषय है कि आज भारत 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बनकर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका है। आज ”वोकल फॉर लोकल”, ”मेक इन इंडिया”, ”स्किल इंडिया” और ”स्टार्टअप इंडिया” जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इतना ही नहीं,भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश भी बन गया है। बीते 11 वर्षों में देश ने “इन्फ्रास्ट्रक्चर रेवोल्यूशन” का अभूतपूर्व दौर भी देखा है। आज भारत के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क, मेट्रो रेल नेटवर्क, विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे और रोड नेटवर्क को देखकर दुनिया का प्रत्येक देश चकित है। इन 11 वर्षों में मोदी जी के मजबूत नेतृत्व में जहां कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, नागरिकता संशोधन कानून और वफ़्क़ संशोधन अधिनियम जैसे कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। वहीं जीएसटी का क्रियान्वयन, नए संसद भवन का निर्माण कर सेंगोल की स्थापना, भारत मंडपम और प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण, नारी शक्ति वंदन अधिनियम व भारतीय न्याय संहिता लागू करने जैसे कई ऐतिहासिक कार्य भी किए गए।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए शुरू की गई जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों नागरिकों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में भारत ने कोरोना वैक्सीन के निर्माण सहित चंद्रयान-3, आदित्य L1, गगनयान मिशन जैसी अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी नए- नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज उत्तराखंड में भी विकास की गंगा बह रही है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, केदारनाथ-बद्रीनाथ मास्टर प्लान और भारतमाला- पर्वतमाला जैसी महत्त्वाकांक्षी योजनाएं इसके कुछ उदाहरण हैं।

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