लॉकडाउन के चलते जिले में इन दिनों हर कोई अपने घर में बंद है। बड़े अस्पतालों में भी कोरोना के संक्रमित मरीजों और संदिग्ध को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे समय में वृद्ध, बच्चों से लेकर किसी की तबीयत खराब होती है तो अस्पताल जा सकते हैं। बस इसके लिए उन्हें अपने क्षेत्र के थाने को सूचना देनी होगी। यही नहीं, अगर किसी का देहांत हो जाता है तो शवयात्रा के लिए वह थाने जाकर भी अनुमति ले सकते हैं।
बीती नौ अप्रैल को पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार को ऐसी शिकायत मिली थी कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस बीमार लोगों को लाने व ले जाने में बेवजह रोक-टोक कर रही है। इसके साथ ही शवयात्रा को लेकर भी अनुमति बड़ी कठिनाई से दी जा रही है। इसे लेकर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने सभी जिलों को आदेश जारी कर कहा था कि बीमार व्यक्तियों को अस्पताल लाने, ले जाने और शवयात्रा को रोका न जाए।
लोगों को बताया जाए कि वह इसके लिए पुलिस को पूर्व में सूचना जरूर दें। ताकि उन्हें बिना देरी के अनुमति मिल जाए। इसे देखते हुए जिलों ने व्यवस्था बनाई है कि आपात स्थिति में यदि कहीं आने-जाने की आवश्यकता पड़ती है तो वह अपने नजदीकी थाने को सूचना देंगे।
थाने पर उनसे एक फार्म भरवाया जाएगा। थाने से यह आवेदन ऑनलाइन स्टेट कंट्रोल रूम को भेजा जाएगा। स्टेट कंट्रोल रूम स्थानीय पुलिस से बातचीत के बाद इस पर अनुमति जारी कर ऑनलाइन थाने को भेज देगा। थाने से इस अनुमति पत्र का प्रिंट आउट संबंधित व्यक्ति को दे दिया जाएगा। इसके बाद वह नियम और शर्तो के तहत गंतव्य तक जा सकेंगे। पुलिस महानिदेशक ने यह भी कहा कि जिन लोगों को अनुमति दी जा रही है, उनसे यह भी अपील की जा रही कि वह आने-जाने के दौरान शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखेंगे। किसी तरीके से लॉकडाउन व धारा 144 के नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे। ऐसा पाए जाने पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
लोकजीत सिंह (स्टेट कंट्रोल रूम प्रभारी) का कहना है कि बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने, शवयात्रा व किसी स्थान में फंसे व्यक्ति तक मदद पहुंचाने के संबंध में कंट्रोल रूम के नंबर 0135-2722100 पर जानकारी दे सकते हैं। यहां उन्हें प्रकिया के बारे में जानकारी देने के साथ पूरी मदद की जाएगी।