चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने दो दिवसीय भारत दौरे के तहत आज चेन्नई के प्राचीन शहर मामल्लापुरम पहुंचेंगे जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी। चीनी राष्ट्रपति की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत ऐसे वक्त होने जा रही है जब कश्मीर के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच हालिया बयानों के कारण असहज स्थिति पैदा हो गई है। समुद्र किनारे बसे इस प्राचीन शहर में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भव्य स्वागत की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं।
– महाबलीपुरम (Mamallapuram) में स्वागत गेट जिसे पंच रथ (Panch Rathas) उसे 18 प्रकार के फलों एवं सब्जियों से सजाया गया है।
– चीनी राष्ट्रपति के लिए महाबलीपुरम की सड़कों को चमकाया जा रहा है। सड़कों से धूल साफ करते कर्मचारी…
– चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग का स्वागत करने के लिए ‘चेंदा मेलम’ (केरल का पारंपरिक आर्केस्ट्रा) के कलाकार चेन्नई एयरपोर्ट (Chennai International Airport) के बाहर पहुंच गए हैं
– ममल्लापुरम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रिपोर्टों के मुताबिक, चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए 10 हजार जवानों की तैनाती की गई। चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के स्वागत के लिए पूरे शहर को सजा दिया गया है।
– पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक को देखते हुए समुद्री सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड ने किसी भी समुद्री खतरे से सुरक्षा प्रदान करने के लिए ममल्लापुरम में तट से कुछ दूरी पर युद्धपोत तैनात किए हैं।
यह है कार्यक्रमों का शेड्यूल
1- चीनी राष्ट्रपति दोपहर 2.00 बजे चेन्नई एयर पोर्ट पर पहुंचेंगे और होटल जाएंगे।
2- शाम 5.00 बजे प्रधानमंत्री मोदी उनको तीन ऐतिहासिक स्थलों पर लेकर जाएंगे।
3- पीएम मोदी और चिनफिंग शोर टेंपल जाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखेंगे।
4- शोर टेंपल लॉन में बैठकर ही पीएम मोदी और शी चिनफिंग बातचीत करेंगे।
5- पीएम मोदी शोर टेंपल परिसर में ही चीनी राष्ट्रपति के लिए डिनर आयोजित करेंगे।
6- शनिवार सुबह दोनों नेता फिशरमैंस कोव रिजॉर्ट में अकेले बातचीत करेंगे।
7- इसके बाद भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी।
8- द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति के लिए लंच आयोजित करेंगे।
9- शनिवार को दोपहर 12.45 बजे चिनफिंग चेन्नई एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे।
इस मसलों पर हो सकती है बात
सूत्रों की मानें तो इसमें व्यापार, रक्षा और सुरक्षा जैसे अहम मसलों पर व्यापक बातचीत होगी। दोनों नेता अगले 48 घंटों में तीन दौर की बातचीत करेंगे। वैसे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों नेताओं की इस मुलाकात पर कश्मीर मसले का साया पड़ चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुलाकातों में कश्मीर मसले को लेकर उपजे दोनों देशों के हालिया तनाव पर भी बातचीत हो सकती है। हालांकि चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने स्पष्ट किया है कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय हालात के साथ साथ चीन और भारत के बीच संबंधों से संबंधित समग्र, दीर्घकालिक एवं रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
बातचीत से पहले दबाव बनाने की कोशिश
पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच यह दूसरी अनौपचारिक बातचीत होने जा रही है। इससे पहले अप्रैल, 2018 में वुहान (चीन) में दोनों नेताओं के बीच पहली अनौपचारिक बातचीत हुई थी। विश्लेषकों का कहना है कि मुलाकात से ठीक पहले दोनों देशों की ओर से जिस तरह के बयान सामने आए हैं, उससे साफ है कि दोनों ही एक दूसरे पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश में हैं। वैसे चीन के राजदूत ने कहा है कि दोनों नेताओं की इस मुलाकात से वृहद सहयोग के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा मिलेगी। यही नहीं यह बैठक शांति और स्थिरता लाने के लिए सकारात्मक माहौल भी पैदा करेगी।
क्यों अहम मानी जा रही यह मुलाकात
विश्लेषकों की मानें तो चीन की अर्थव्यवस्था भी सुस्ती के प्रभाव में है। चीन के सामने दूसरी मुश्किल अमेरिका से जारी ट्रेड वॉर को लेकर है। यही वजह है कि वह उम्मीद भरी नजरों से भारत की ओर देख रहा है। असल में चीन हर साल 76 अरब डॉलर का निर्यात करता है। अमेरिका के दरवाजे बंद करने के चलते उसका व्यापार प्रभावित हुआ है। मौजूदा वक्त में उसका व्यापार घाटा 63 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसीलिए चीन ने अपने सामानों के निर्यात के लिए भारत का रुख किया है। वह अपना व्यापार घाटा कम करके मौके को भुनाना चाहता है। उसने भारत के लिए अपना बाजार खोला है और नियमों को भी उदार बनाया है। शायद ऐसी ही उम्मीद वह भारत से भी कर रहा है।
भव्य स्वागत की तैयारियां
मामल्लापुरम में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्वागत के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। चीन के राष्ट्रपति जब चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे तो वहां उनके के स्वागत में चेंडा मेलम (केरल का पारंपरिक आर्केस्ट्रा) कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। चेन्नई एयरपोर्ट के गेट को जो भव्यता दी गई है, वह देखते ही बनती है। पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति को अर्जुन की तपस्या, पांच रथ, समुद्र किनारे स्थित मंदिर ले जाएंगे जहां भव्य साजसज्जा की गई है। यही नहीं मोदी शी चिनफिंग को तकरीबन 1300 वर्ष पूर्व पहाड़ों को काट कर बनाये गये गुफाओं और भित्त चित्रों के दर्शन कराएंगे। देर शाम एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन है जिसमें भारत और चीन के रिश्तों की प्रस्तुती होगी।