भारत ने चीन को कहा, अपने इलाके में लौट जाओ, इसके अलावा कोई विकल्‍प नहीं

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के गलवन नदी घाटी में बनी तनावपूर्ण स्थिति में कोई खास बदलाव तो नहीं आया है लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत का क्रम जारी है। मंगलवार को सैन्य स्तरीय वार्ता हुई थी तो बुधवार को दोनो देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए पहले से की गई एक अन्य व्यवस्था डब्लूएमसीसी (वर्किग मेकैनिज्म फॉर कंसलटेशन एंड कोआर्डिनेशन ऑन इंडिया-चाइना बार्डर अफेयर्स) की बैठक हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के तत्वाधान में हुई इस बैठक में भी हालात के समाधान की कोई सूरत निकलती नहीं दिखी।

भारत बोला, अपने इलाके में लौट जाओ

बैठक में भारत ने चीन पक्ष के सामने फिर दोहराया कि चीनी सैनिकों को अपने क्षेत्र में लौटने के अलावा शांति स्थापित करने की कोई दूसरी सूरत नहीं है। भारत ने 15 जून को हुई हिंसक झड़प को लेकर भी अपनी गहरी चिंता जताई। बातचीत आगे भी जारी रहेगी। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत ने हिंसक झड़प के मसले को उठाते हुए कहा कि दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। बैठक में भारत ने हाल ही में विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता और उसमें बनी सहमति का मुद्दा उठा।

सहमति का पालन करे चीन

विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में दोनों ही पक्ष राजी थे कि शीर्ष नेताओं के बीच सीमा पर शांति और सहअस्तित्व को बनाए रखने के लिए जो सहमति बनी है उसका पालन होना चाहिए। इसका पालन करके ही सीमा पर शांति बनाई रखी जा सकती है। चीन के विदेश मंत्रालय ने जो बयान दिया है वह बेहद संक्षिप्‍त है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि चीन इन वार्ताओं को तवज्जो नहीं दे रहा है। वैसे सैन्य स्तर पर विश्वास बहाली के लिए आगे भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहेगी ताकि सीमा पर शांति बनाई रखी जा सके।

चीनी विदेश मंत्रालय ने फ‍िर दी धमकी

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों ही पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि शीर्ष नेताओं के बीच और हाल के दिनों में किए गए कई समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति बहाली के लिए जो भी सहमति बनी है उसका पालन किया जाएगा। हालांकि चीन यह कहने से नहीं चूका कि मौजूदा तनाव के लिए भारत जिम्‍मेदार है और उसे ही तनाव दूर करने की जिम्‍मेदारी निभानी होगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यह भी कहा कि भारत सीमा पर तनाव पैदा करके बहुत ज्यादा जोखिम मोल ले रहा है जिसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.