पंजाब में अब पूर्व विधायकों को सिर्फ एक टर्म की पेंशन मिलेगी। इसके साथ-साथ पूर्व विधायकों को जो फैमिली भत्ते मिलते हैं उनमें भी कटौती की जाएगी। किसी भी पार्टी का उम्मीदवार चाहे चार बार विधायक रहकर पूर्व हुआ हो उसे पेंशन एक ही टर्म की दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसे लेकर उचित कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मान ने कहा कि कोई राज नहीं सेवा तो काेई लोगों से एक बार मौका देने की बात कहकर सत्ता में आता है, लेकिन लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं करता।
मान ने कहा कि कई विधायक तो ऐसे हैं जो चार बार विधायक रहकर हार गए। किसी की पेंशन चार लाख किसी की सवा पांच लाख है, लेकिन अब सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी। मान ने कहा कि कई विधायक तो सांसद भी रह चुके हैं और दोनों पेंशन ले रहे हैं। अब पूर्व विधायकों की जो पेंशन और फैमिली भत्तों में कटौती की जाएगी उसे जनकल्याण की योजनाओं में लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है। युवा डिग्रियां लेकर घर बैठे हैं। नौकरी मांगने पर उन्हें लाठियां मिलती हैं। सड़कों पर युवाओं की पगड़ियां उतरती हैं। बेरोजगारी को खत्म करने के लिए ऐसी घोषणाएं जरूरी हैं।
बता दें, कि इससे पहले मुख्यमंत्री 25000 नौकरियां निकालने के अलावा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर चुके हैं। हाल ही में मान सरकार के फैसले की भनक लगने पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पेंशन न लेने के लिए स्पीकर को लिखित में कहा था। बादल 11 बार विधायक और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
प्रदेश में लाल सिंह, राजिंदर कौर भट्ठल, सरवन सिंह फिल्लौर को हर महीने 3 लाख 25 हजार पेंशन मिलती है।इसी तरह रवि इंदर सिंह, बलविंदर सिंह को हर महीने 2 लाख 75 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलते हैं। 10 बार के विधायक की पेंशन 6 लाख 62 हजार प्रति माह है। लेकिन, अब पूर्व विधायकों को सिर्फ एक पेंशन 75000 रुपये मिलेगी। इससे खजाने पर पांच वर्ष में 80 करोड़ से ज्यादा का बोझ कम होगा।
कांग्रेस नेता व विधायक परगट सिंह ने भगवंत मान सरकार की एक विधायक-एक पेंशन के फैसले का स्वागत किया। कहा कि इससे पंजाब के वित्त पर बोझ कम होगा। मुख्य विपक्षी दल के रूप में हम रचनात्मक और जिम्मेदार भूमिका निभाते रहेंगे। पंजाब हमारे लिए सबसे पहले आता है।