देहरादून में जमातियों में संक्रमण की दर दोगुनी से भी ज्यादा

कोरोना संक्रमण की रोकथाम में जुटे प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी करने वाले जमातियों में संक्रमण की दर दोगुनी से भी ज्यादा है। दरअसल, देहरादून से अब तक 1124 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1012 की रिपोर्ट आ चुकी है और 112 की रिपोर्ट शेष है। जिन 22 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली, उनमें 15 जमाती या उनके संपर्क में आए लोग शामिल हैं। इस तरह जमातियों व उनके संपर्क (347 लोगों) में संक्रमण की दर 4.32 फीसद है, जबकि कुल मिलाकर यह दर 1.94 फीसद। इस तरह देखें तो जमातियों में कोरोना पॉजिटिव आने की दर 2.38 फीसद अधिक है। इस बात से भी समझा जा सकता है कि जमाती किस तरह व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।

हालांकि, इस बीच एक राहतभरी खबर भी है। दून के विभिन्न संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में भेजे गए जमातियों व उनके संपर्क में आए लोगों में से 29 को जिला प्रशासन ने यहां से डिस्चार्ज कर दिया है। इनकी लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।

क्वारंटाइन सेंटरों की नोडल अधिकारी मीनाक्षी पटवाल ने बताया कि 21 सेंटर में कुल 347 जमातियों व उनके संपर्क में आए लोगों को रखा गया था। सभी के ब्लड सैंपल ले लिए गए हैं। वहीं, 29 जमातियों की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अब ये 14 दिन तक होम/संबंधित स्थल पर क्वारंटाइन रहेंगे। जमातियों को लेकर चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि जब पूर्व में संक्रमित सभी छह लोग ठीक हो गए थे तो एकदम से 12 नए मामले सामने आ गए। जिनमें सभी जमाती थे। अब दून के कुल कोरोना संक्रमितों में तीन और जमाती जुड़ गए हैं।

94 सैंपल पर टिकी निगाहें

347 जमातियों और उनके संपर्क में आए लोगों में से 94 की सैंपल रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। यानी कि 25 फीसद जमातियों के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। यही सैंपल तय करेंगे कि भविष्य में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा क्या रहेगा।

बोले डीएम साहब

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि जमातियों ने बेशक नई चुनौती खड़ी की, मगर इनकी जल्द पहचान कर उन्हें और उनके संपर्क वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया था। इसके साथ ही इनसे संबंधी पांच इलाकों को सील/पृथक लॉकडाउन किया गया। जब तक प्रशासन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक ये इलाके पाबंद ही रहेंगे।

अल्मोड़ा जिला भी हुआ कोरोना मुक्त

कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच उत्तराखंड के लिए एक अच्छी खबर भी है। जनपद पौड़ी के बाद अब अल्मोड़ा भी कोरोना मुक्त हो गया है। यहां अभी तक एक जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया था, जो अब ठीक हो चुका है। तकरीबन 14 दिन से कोई नया मामला भी नहीं आया है।

बता दें, बीती छह अप्रैल को पूर्णिया बिहार निवासी एक जमाती कोरोना संक्रमित पाया गया था। वह जनपद अल्मोड़ा के रानीखेत में रहता है। 14 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज में हुई जमात में शामिल होने गया था, 16 मार्च को वह वापस रानीखेत लौटा। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद 19 मार्च को उसे क्वारंटाइन किया गया था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसका बेस अस्पताल अल्मोड़ा में इलाज चल रहा था। जमाती के निवास स्थान कुरेशियन मुहल्ला सहित इससे लगे सुदामापुरी और लोअर खड़ी बाजार को प्रशासन ने सील कर दिया था। उसके अन्य तीन साथियों का भी टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। बहरहाल, कोरोना संक्रमित यह जमाती अब स्वस्थ हो गया है। इसके बाद से अल्मोड़ा जिले में कोरोना का कोई और मामला भी नहीं आया है।

इधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि राज्य में अभी तक कुल 3344 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनमें 3046 की रिपोर्ट निगेटव व 44 की पॉजिटिव आई है। हाल में उत्तराखंड में कोरना के 33 एक्टिव केस हैं। जिनमें बारह दून मेडिकल कॉलेज, एक मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून, सात मेला अस्पताल हरिद्वार और 13 हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 64004 लोग होम क्वारंटाइन व 2153 संस्थागत क्वारंटाइन में रखे गए हैं। 516 लोग विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सकों की देखरेख में भर्ती हैं। रविवार को भी 183 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनमें सर्वाधिक 101 सैंपल जनपद हरिद्वार से हैं। नैनीताल से 40, देहरादून से 21 ऊधमसिंहनगर से सात और छह सैंपल उत्तरकाशी से भेजे गए हैं। निजी लैब में भी आठ सैंपल की जांच अभी होनी है।

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