केंद्र सरकार ने बाढ़ व जलजमाव से जूझते बिहार के लिए 400 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। यह फैसला शुक्रवार को बिहार व कर्नाटक में बाढ़ से बिगड़े हालात को ले गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में संपन्न हाई लेवल बैठक में लिया गया। इसके पहले सिक्किम सरकार ने बिहार को मदद दी है तो आेडिशा ने भी मदद का आश्वासन दिया है। इस बीच बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम पटना पहुंच गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री की हाई लेवल बैठक में फैसला
राज्य आपदा राहत कोष से मिले 213.75 करोड़
राज्य सरकार राज्य आपदा राहत कोष से मिले 213.75 करोड़ रुपये का उपयोग तत्काल राहत चलाने में इस्तेमाल कर सकेगी। हर वर्ष यह राशि मिलती है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से यह राशि जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ के लिए मंजूर किए हैं।
राज्य सरकार ने दिया था 27 सौ करोड़ का मांग पत्र
बता दें कि दो महीने पहले आई बाढ़ में राज्य के 13 जिलों (पूर्वी व पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज, शिवहर, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार और पूर्णिया) में काफी तबाही हुई थी। इसके बाद क्षति का आकलन करने आई टीम को राज्य सरकार की ओर से 27 सौ करोड़ रुपये का मांग पत्र दिया गया था।
सिक्किम ने दिए 25 लाख, ओडिशा से भी मदद का आश्वासन
इसके पहले सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बिहार को 25 लाख रुपये की सहायता दी है। सिक्किम के मुख्यमंत्री के कांफिडेंशियल सचिव विकास बसनेट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव चंचल कुमार को इस राशि का चेक शुक्रवार को सौंपा। उधर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातकर उन्हें मदद का आश्वासन दिया है।
क्षति का आंकलन करने केंद्रीय टीम पहुंची पटना
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव वी राकेश कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने पटना पहुंच गई है। शुक्रवार को टीम ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ बैठक कर बाढ़ की समीक्षा की और राज्य सरकार के अधिकारियों से अब तक उठाए गए कदमों और जान-माल की क्षति का ब्योरा लिया। बैठक के बाद टीम के सदस्य पटना के जल जमाव वाले क्षेत्रों का मुआयना करने निकल गए। शनिवार को यह टीम बिहार के बाढ़ प्रभावित अलग-अलग जिलों का दौरा कर क्षति का आकलन करेगी। रविवार को यह टीम मुख्य सचिव दीपक कुमार व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर वापस दिल्ली लौट जाएगी।
जिलों से नौ अक्टूबर तक मांगी गई क्षति रिपोर्ट
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से नौ अक्टूबर तक जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट तलब की है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से प्रभावित जिलों के डीएम को भेजे गए पत्र के साथ एक फार्मेट भी जारी किया गया है। इसी फार्मेट में बाढ़ से क्या-क्या क्षति हुई और कितने लोगों की मौत हुई इसका विवरण देने को कहा गया है।
बाढ़ व जलजमाव की चपेट में आधा बिहार
विदित हो कि बिहार के आधे से अधिक जिले बाढ़ व जलजमाव की चपेट में हैं। गंगा, महानंदा, पुनपुन व गंडक सहित कई नदियाें में उफान है। पानी के दबाव से कई जगह बांध टूट गए हैं। रेल व सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है।