केवर्स गांव का युवा मत्स्य किसान बना प्रेरणास्रोत

मुख्यमंत्री की आत्मनिर्भर पहाड़ नीति और विभागीय सहयोग से सफलता की नयी कहानी

यशवंत ने मत्स्य पालन के साथ-साथ अपनी 1.5 नाली भूमि में सब्ज़ी उत्पादन भी किया शुरू

मत्स्य पालन को एक संभावनापूर्ण आजीविका के रूप में किया जा रहा प्रोत्साहित 

पौड़ी:पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम केवर्स के युवा यशवंत कुमार आज पहाड़ में स्वावलंबन की मिसाल बनकर उभर चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आत्मनिर्भर पर्वतीय विकास नीति के तहत मत्स्य पालन को बढ़ावा दिए जाने का लाभ उठाते हुए उन्होंने सीमित संसाधनों में एक बड़ा परिवर्तन संभव किया है।

यशवंत ने मत्स्य विभाग की योजना के अंतर्गत अपने फार्म में लगभग 15,000 रुपए के मछली बीज डाले। करीब 13 मीटर लंबे, 7 मीटर चौड़े और 1.5 मीटर गहरे तालाब की स्थापना के लिए विभाग द्वारा उन्हें 1,31,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गयी। यह सहायता उनके लिए मजबूत आधार साबित हुई।

पिछले वर्ष यशवंत ने 2.25 क्विंटल मछली उत्पादन कर लगभग ₹35,000 का शुद्ध लाभ अर्जित किया। पहाड़ी भूगोल और सीमित खेती योग्य भूमि के बीच यह उपलब्धि न केवल आर्थिक सफलता को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए प्रेरक दिशा भी प्रदान करती है। वे बताते हैं कि उन्होंने 2022-23 में पहली बार फिशटैंक बनाया था। वर्तमान में उन्होंने तीन प्रकार के लगभग 1500 सीड डाले हैं। इसके अलावा उन्होंने मछली भंडारण की व्यवस्था भी विकसित की है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और बाजार तक पहुंच बेहतर हुई है।

यशवंत ने मत्स्य पालन के साथ-साथ अपनी 1.5 नाली भूमि में सब्ज़ी उत्पादन भी शुरू किया है, जिससे उनकी आमदनी में स्थायी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि वे 2017 से सभी प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं तथा उन्होंने 2018 में एक पॉलीहाउस भी लगाया, जिससे भी उनकी आमदनी में अधिक वृद्धि हुई है।

प्रदेश सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य पालन को एक संभावनापूर्ण आजीविका के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में विभागीय योजनाओं के सरल क्रियान्वयन, तकनीकी प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग ने युवाओं में उत्साह और विश्वास बढ़ाया है।

जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं। इसी के परिणामस्वरूप यशवंत जैसे युवा आगे आकर सफल उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। विभाग हर संभव तकनीकी व वित्तीय सहयोग उपलब्ध करा रहा है ताकि अधिक से अधिक युवा स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

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