उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन अभी पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय नहीं हो पाया है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून के पहले दिन मेघ जमकर बरसे, जबकि मैदानी जिलों में सुबह बूंदाबांदी के बाद धूप खिली रही। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के भीतर समूचे प्रदेश में मानसून का प्रसार होने की संभावना जताई है। अधिकांश जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है।
पर्वतीय इलाकों में मंगलवार रात शुरू हुई बारिश बुधवार दोपहर तक जारी रही। इसमें भी कुमाऊं के पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, मुक्तेश्वर, नैनीताल, चंपावत में बादल खूब बरसे। मसूरी में भी सुबह बारिश के एक से दो दौर चले।
इधर, देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में सुबह के समय कुछ देर बूंदाबांदी के बाद दिनभर धूप खिली रही। जबकि, देर शाम मैदानी इलाकों में बादल घिर आए और रात के समय बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। गुरुवार की सुबह गढ़वाल के पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी इलाकों में धूप खिल गई। वहीं, कुमाऊं के पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी इलाकों में कहीं धूप और कहीं हल्के बादलों का डेरा है।
प्रदेश के पांच जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है और इसके प्रसार के लिए अनुकूल स्थिति बनी हुई है। नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और देहरादून जिले में कहीं-कहीं भारी व बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसे लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
साथ ही सभी जिलाधिकारियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इसी क्रम में जिला प्रशासन की ओर से तमाम संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश से चीन सीमा के पास लिपुलेख मार्ग बाधित
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियां भी शुरू हो गई हैं। कुमाऊं मंडल में मानसून की पहली बारिश से ही कई यातायात मार्ग बाधित हो गए हैं। चीन सीमा को जाने वाला तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख मार्ग मलबा आने से बंद हो गया, जिससे यहां दो दर्जन के करीब वाहन फंस गए।
बीआरओ और लोनिवि की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग खोला और वाहनों को निकाला। मंगलवार को उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मानसून ने दस्तक दी। कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में मंगलवार रात से ही बारिश का क्रम शुरू हो गया जो बुधवार दोपहर तक चलता रहा।
पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में मूसलाधार बारिश से कई मार्ग बंद हो गए। जिसमें पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा तक जाने वाला मार्ग तवाघाट-घटियाबगड़ के बीच बाधित हुआ। रातीगाड़ के पास मलबा आने से थल-मुनस्यारी मार्ग भी तीन घंटे बंद रहा। इधर, गढ़वाल में भी बारिश के कारण कई मार्ग घंटों बंद रहे। गौरीकुंड के पास मार्ग बाधित होने 14 घंटे यातायात ठप रहा, जबकि बदरीनाथ मार्ग भी नौ घंटे अवरुद्ध रहा। इसके अलावा यमुनोत्री मार्ग पर भी मलबा आने से आवाजाही प्रभावित हुई।