उत्तराखंड में क्रिसमस पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह गिरजाघरों में प्रार्थना सभा के बाद से विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो गया। गिरिजाघरों में मनमोहक तरीके से सजाया गया, वहीं होटल व रेस्तरा में भी विभिन्न आयोजन हो रहे हैं।
रात बारह बजे के बाद से ही गिरजाघरों में क्रिसमस की धूम रही। सुबह विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसके बाद गिरजा घरों में कैरल सांग गाकर की खुशी जताने के साथ ही ईसाई समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। दून के गिरजाघरों के बाहर मेले जैसा माहौल बना रहा। यहां सेंटा की टोपी आदि खरीदने में बच्चों ने विशेष रुचि दिखाई।
रेसकोर्स स्थित सेंट फ्रांसिस ऑफ जॉन कैथलिक सहित शहर के विभिन्न गिरजा घरों में मंगलवार रात ग्यारह बजे कैरल सांग गाकर प्रभु यीशू की प्रार्थना की गई। सभी ने प्रभु यीशू के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया। इसके बाद बुधवार सुबह शहर के विभिन्न गिरजाघरों में पहले इंग्लिश और बाद में हिंदी में भगवान यीशू की प्रार्थना की जाएगी। इसके बाद दिन भर गिरजाघरों में खुशी का माहौल और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन शुरू किया गया।
हरिद्वार में भी क्रिसमस डे के अवसर पर शहर व आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोगों ने सुबह चर्चों मे जाकर विशेष प्रार्थना की। शहर के देवपुरा चौक स्थित चर्च, भेल स्थित चर्च, ज्वालापुर के सेंट मैरी चर्च में विशेष प्रार्थना सभाएं हुई। इस दौरान प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलकर मानव कल्याण पर जोर दिया गया।
सेंट मैरी चर्च की सिस्टर कल्पना ने कहा कि प्रभु यीशू ने मानव कल्याण के लिए सभी को कार्य करने का संदेश दिया है। इसलिए सभी को प्रभु यीशु के बताएं संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करना चाहिए, ताकि विश्व का कल्याण हो सके।
शहर में कई जगह सांता बनकर विद्यार्थियों को टॉफी, चॉकलेट वितरित किए गए। बच्चे भी सांता की वेशभूषा में नजर आए। इसके अलावा समाज के कुछ लोगों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की ओर से सर्दी से बचाव के लिये गर्म कपड़े आदि वितरित किए।