अमेरिकी सेना करेगी चीन का मुकाबला, अमेरिकी विदेश मंत्री का ऐलान

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा है कि भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे चीन के कारण उनका देश यूरोप से अपनी सेनाएं कम करके अन्य जगहों पर तैनात कर रहा है। पोंपियो ने ब्रसेल्स फोरम में अपने एक वर्चुअल संबोधन के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। पोंपियो की टिप्पणी भारत और चीन के बीच जारी तनाव के संदर्भ में बेहद अहम है।

पोंपियो से पूछा गया था कि जर्मनी से अमेरिका ने अपनी सेनाएं क्यों कम कर दी हैं। उनका जवाब था-क्योंकि उन्हें अन्य जगहों में भेजा जा रहा है। उन्‍होंने चीन को भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा बताया है। माइक पोंपियो से सवाल किया गया था कि जर्मनी में अमेरिकी सेना की टुकड़ी को क्यों घटा दिया गया। माइक ने कहा कि वहां से हटाकर सेना को दूसरी जगह तैनात किया जा रहा है। 

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से कई देशों को खतरा बढ़ा 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यों के कारण भारत, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और दक्षिण चीन सागर के इर्द-गिर्द खतरा उत्पन्न हो गया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी सेना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सही जगह तैनात हो। गत सप्ताह भी पोंपियो ने चीन शासन की तीखी आलोचना की थी।

उन्होंने कहा था कि चीन का शासन नए नियम-कायदे लागू करने की कोशिश कर रहा है। पोंपियो ने कहा कि डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने पिछले दो साल में अमेरिकी सेना की तैनाती की रणनीतिगत तरीके से समीक्षा की है। अमेरिका ने खतरों को देखा है और समझा है कि साइबर, इंटेलिजेंस और मिलिट्री जैसे संसाधनों को कैसे बांटा जाए। 

पूरी दुनिया कर रही है चीन का सामना 

इससे पहले माइक पोंपियो ने बताया था कि उन्होंने यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल से चीन को लेकर बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। इसके लिए वह जल्द ही यूरोप जाने वाले हैं। पोंपियो ने कहा कि सिर्फ अमेरिका ही नहीं है जो चीन का सामना कर रहा है, पूरी दुनिया चीन का सामना कर रही है। पॉम्पिओ ने कहा कि मैंने इस महीने यूरोपियन यूनियन के विदेश मंत्रियों से बात की और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में बहुत सा फीडबैक मिला। कई तथ्य सामने आए हैं, जिसमें भारत के साथ लद्दाख में घातक झड़प, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उकसावे वाले कार्रवाई की बात थी। इसमें दक्षिण चीन सागर में उसकी आक्रामता,और शांतिपूर्ण पड़ोसियों के खिलाफ खतरे का जिक्र किया गया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.