कात के बाद ट्वीट किया, ‘‘शहीद बूथ उपाध्यक्ष मदन घोराई के परिवार से कोलकाता में मुलाकात की। मैं इस बहादुर परिवार के सामने नतमस्तक हूं। पश्चिम बंगाल में दमन और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कार्यकर्ताओं की भाजपा हमेशा ऋणी रहेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, राष्ट्रीय महासचिव बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शाह की अगवानी की। इस दौरान शाह के स्वागत के लिए एयरपोर्ट के बाहर कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम उमड़ पड़ा था। शाह हवाई अड्डे से सीधे वेस्टिन होटल रवाना हो गए। पहले उनके गुरुवार सुबह कोलकाता पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन बुधवार रात में ही वे पहुंच गए। शाह आज गुरुवार को हेलीकॉप्टर से बांकुड़ा जाएंगे और वहां कई जिलों के पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बंद दरवाजे के पीछे सांगठनिक बैठक करेंगे।
शुक्रवार को शाह मटुआ समुदाय के एक परिवार के साथ भोजन करेंगे। मटुआ समुदाय पूर्वी पाकिस्तान से आता है और उसकी मांग नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता देने का है। अमित शाह ने इससे पहले बंगाली में एक ट्वीट में कहा था, ‘‘ मैं दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल आ रहा हूं। यहां मैं भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई, राज्य के लोगों, मीडिया के मित्रों और विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलने को लेकर आशान्वित हूं।’’ कोविड-19 महामारी के बाद से शाह की राज्य में पहली यात्रा है। वह इससे पहले एक मार्च को यहां आए थे।
शाह बांकु़ड़ा पहुंचकर सबसे पहले बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। फिर रवींद्र भवन में संगठनात्मक बैठक करेंगे। इसके बाद वे कोलकाता लौटेंगे। शुक्रवार सुबह वे पहले दक्षिणेश्वर काली मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। कुछ विशिष्टजनों से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद उस दिन दोपहर को मतुआ संप्रदाय, जो महादलित वर्ग में आता हैं , उसके एक प्रतिनिधि के घर पर दोपहर का भोजन करेंगे। साल्टलेक पूर्वी आंचलिक सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) में उनकी पार्टी नेतृत्व के साथ बैठक होगी। ऊसके बाद वे गौरांगनगर जाएंगे और मतुआ संप्रदाय के एक व्यक्ति के घर पर भोजन करेंगे। वहां से मशहूर शास्त्रीय संगीतकार पंडित अजय चक्रवर्ती के घर जाएंगे। इसके बाद फिर ईजेडसीसी लौटकर बैठक करेंगे। शाह बंगाल दौरे के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ी जातियों के लिए एक विशेष कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि सूबे में 23 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति व 6 फीसद अनुसूचित जनजाति से है।