हरसिमरत कौर की जगह नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) की नेता हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। सरकार की ओर से पेश दो कृषि विधेयकों को किसान विरोधी ठहराते हुए उन्‍होंने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हरसिमरत कौर की जगह राष्‍ट्रपति ने नरेंद्र सिंह तोमर को मंत्रालय का अतिरिक्‍त प्रभार सौंपा है।

राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सलाह लेने के बाद राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्री परिषद से हरसिमरत का इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 75 के खंड (2) के तहत स्वीकार किया है। भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल इस अध्यादेश का लगातार विरोध कर रही है। संसद में विपक्ष के हंगामे के बावजूद ध्वनिमत से दोनों कृषि विधेयक पारित हो गए।

हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर मोदी कैबिनेट से अपने इस्तीफे की जानकारी दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिका कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए इस्तीफे में हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘मुझे विश्वास था कि जब इन अध्यादेशों अंतिम रूप दिया जाएगा तो उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को इसमें शामिल करते उनका समाधान किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मेरा इस्तीफा, किसानों के पक्ष में आवाज उठाने वाली मेरी पार्टी की सोच को कायम रखने वाला है। अकाली दल हमेशा किसानों के हितों की बात करता आया है।’

बता दें कि लोकसभा में शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने बिल का विरोध किया था। उन्होंने संसद से ही ऐलान कर दिया कि हरसिमरत कौर बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी। हालांकि, शिरोमणि अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा। विपक्ष की ओर से मुख्य आरोप था कि यह विधेयक एमएसपी को खत्म करने का पहला कदम है।

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