उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राजधानी लखनऊ आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने बताया कि यूपी में सही समय पर चुनाव होंगे। सभी राजनीतिक दल कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव सम्पन्न करना चाहते हैं। गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कांन्फ्रेंस में सुशील चंद्रा ने कहा कि पांच जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट आ जाएगी। मतदाता सूची के फाइनल प्रकाशन को लेकर यदि कोई शिकायत पांच जनवरी के बाद आती है तो उसका भी तुरंत निस्तारण किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक आयु के लोग, विकलांग व्यक्ति और कोरोना से संक्रमित लोग जो मतदान केंद्र पर नहीं आ पा रहे हैं, चुनाव आयोग उनके दरवाजे पर वोट के लिए पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है। अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता के वास्तविक आंकड़े आएंगे। अंतिम प्रकाशन के बाद भी अगर किसी का नाम ना आए तो वो क्लेम कर सकते हैं। अब तक 52.8 लाख नए मतदाताओं को शामिल किया जा चुका है। इनमें 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। 18-19 आयु वर्ग के 19.89 लाख मतदाता हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि हमने राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की थी। राजनीतिक दलों की मांग है कि समय पर चुनाव कराया जाए। रैलियों में नफरती भाषण व रैलियों में हो रही भीड़ पर भी कुछ दलों ने चिंता जताई है। पोलिंग बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला बूथकर्मी की भी मांग की गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में 61 फीसद मतदान हुआ था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में 59 फीसद मतदान हुआ था। यह चिंता का विषय है कि जिस राज्य में लोगों में राजनीतिक जागरूकता अधिक है, वहां मतदान प्रतिशत कम क्यों है। हमारी कोशिश है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाया जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य भर के मतदान केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों का पूरी तरह से टीकाकरण कराया जाएगा। सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट लगाए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लगभग एक लाख मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान की तारीख को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे।