Punjab Asembly के विशेष सत्र के दूसरे दिन की बडा कदम उठाया गया। विधानसभा में पंजाब सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन एक्ट (CitizenshipAmendmentAct) के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया गया। पंजाब सरकार की ओर से CAA के खिलाफ प्रस्ताव रखा गया और इसे पंजाब में लागू नहीं करने की बोत कही गई है।
प्रस्ताव को राज्य विधानसभा में पारित कर दिया गया। पंजाब सरकार के इस कदम से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है और इससे केंद्र व राज्य सरकार के बीच टकराव की आशंका पैदा हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले भी कहा था कि CAA भेदभाव पूर्ण है और इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा और आखिरी दिन है। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन में नारेबाजी की और वेल में आ गए। इसके साथ ही विधानसभा में ‘पंजाब कारोबार का अधिकार’ विधेयक पारित किया गया। आप के विधायकों ने बिजली के मुद्दे पर हंगामा किया।
विधेयक को उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने पेश किया। इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक के पास होने से छोटे उद्यमियों को काफी लाभ होगा और कारोबार करने में आसानी होगी। विधेयक पर चर्चा करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि अगर सरकार निश्चित समय में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को मंजूरी नहीं देती तो तीन महीने बात इसे मंज़ूर माना जाए।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पिछले दिनों दिवंगत हुई हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इनमें पंजाबी जागरण के संपादक शिंगारा सिंह भुल्लर समेत 12 से ज्यादा लोग शामिल हैं। श्रद्धांजलि देने के बाद
सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विशेष अधिकार कमेटी के सरकारी अध्यापक परमिंदर सिंह बरियाना को नौकरी से बरखास्त करने और उनके खिलाफ विजिलेंस केस दर्ज करने का प्रस्ताव पासकिया गया। लाेक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने इसका विरोध किया। शिरोमणि अकाली दल के डॉ. सुरिंदर ने भी इस पर विरोध जताया। कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि बरियाना ने कमेटी को गुमराह किया और इसी कारण यह कार्रवाई की गई है।
इस पर शिरोमणि अकाली दल के विधायक विरोध करते हुए वेल में आ गए। बता दें कि विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन भी वीरवार को सदन में हंगामा हुआ था। आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन में हंगामा किया था व वॉकआउट किया था।
सदन में पंजाब जल स्रोत (प्रबंधक व विनियम ) बिल 2020 पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा ही 23 जनवरी को आल पार्टी बैठक बुलाई है। इस बैठक में पानी को लेकर आम सहमति बनाने के प्रयास किए जाएंगे। कैप्टन ने अकाली दल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार प्रस्ताव लेकर आई थी कि सभी विधायक अपने-अपने ट्यूबवेल के लिए फ्री बिजली छोड़ दें, लेकिन किसी ने नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री के इन बयान पर अकाली दल के विधायक चुपचाप बैठे रहे।