दून में अब दूसरे राज्यों या प्रदेश के ही किसी दूसरे जिले से आने वाले लोग सीधे प्रवेश नहीं कर पाएंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इसके तहत अब देहरादून में जो भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश करेंगे, उन्हें जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए सात क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रखा जाएगा। सेंटर में सभी व्यवस्थाओं का पालन कराने के लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है।
आदेश में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एकमात्र यही उपाय है कि लोगों के बीच शारीरिक दूरी बनाकर रखी जाए। अब तक दून में कोरोना संक्रमण के जो भी मामले मिले हैं, उनमें सभी की ट्रैवल हिस्ट्री रही है। ऐसे में बाहरी लोगों के स्वछंद प्रवेश को निगरानी में रखा जाना बेहद जरूरी है। लिहाजा, अब बाहर से आने वाले लोगों को प्रशासन व चिकित्सा दल की निगरानी में अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रखा जाएगा।
रेड क्रॉस सोसायटी व ईपीएफओ आवश्यक सेवा में शामिल
जिला प्रशासन ने रॉड क्रॉस सोसाइटी व ईपीएफओ को भी आवश्यक सेवा की श्रेणी में शामिल करने के आदेश जारी कर दिए हैं। ईपीएफओ को निर्देश दिए गए हैं कि वह कम से कम मैन पावर में कार्यालय दोपहर एक बजे तक खोलेंगे। इसके साथ ही रेड क्रॉस सोसायटी को ब्लड बैंक की जरूरत के अनुसार रक्तदान की व्यवस्था करने को कहा।
कॉलोनियों में टांग दिया बोर्ड नहीं घुसने देंगे बाहर वालों को
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शहर की विभिन्न कालोनियों में बाहर के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे ही पथरीबाग स्थित लेन नंबर 10 में बोर्ड लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरों में ही रहने की अपील की है, इसके बावजूद भी लोग कालोनियों में घुस जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कॉलोनी के बाहर बोर्ड टांग दिया है। यदि कोई जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रहा है तो उसे वहां से भगाया जा रहा है।
दूसरी ओर बाजारों में शारीरिक दूरी की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। खासकर सुबह सात से लेकर एक बजे तक लोगों की भीड़ जुट रही है। लोगों को घरों के अंदर रखने के लिए पुलिस भी कोई खास कार्रवाई करती नहीं दिख रही है। सोमवार सुबह करीब 12 बजे लालपुल पर भोजन के लिए कई जरूरतमंद बस स्टॉप में आकर बैठक गए। इसमें बच्चे, बड़े सभी थे। जब पुलिस से शिकायत की गई तब जाकर यह लोग अपने घरों की तरफ गए।